केंद्र सरकार का ‘मिनी नोटबंदी’ का फैसला क्यों सही? पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार ने बताये ये 6 कारण

सरकार ने 2000 रुपए के गुलाबी नोटों को बंद करने का ऐलान क्र दिया है। सरकार के इस फैसले के बाद से लोग दहशत में हैं। वहीं, पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम ने सरकार के इस फैसले को सही ठहराया है। इसे ठहराने के पीछे उन्होंने 6 वजहें बताई हैं। उन्होंने कहा कि 2000 रुपये के बड़े नोट का विमुद्रीकरण सही कदम है। आपको बता दें कि सरकार ने 2000 रुपए के नोट बंद कर दिए है। हालांकि, वे अभी भी लीगल टेंडर हैं। वहीं, इन नोटों को बदलने के लिए आप बैंक जाकर 23 मई से इन्हें बदलवा सकते हैं। यह पूरी प्रक्रिया 30 सितंबर तक चलेगी।
- पूर्व सीईए ने कहा कि कई जगहों पर छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में 2000 के नोट बरामद किए गए. ऐसे में डी-सर्कुलेशन किया तो इन नोटों का गलत इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।
- 2000 के नोटों के विमुद्रीकरण से गरीबों या आम जनता पर कोई असर नहीं पड़ेगा। क्योंकि आम लोग इन बड़े नोटों का इस्तेमाल कम ही करते हैं.
- 2000 के नोटों का चलन घट रहा था। लोग ज्यादातर डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल करते हैं।
- लोग 2000 के नोट की जगह 500 रुपये का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं.
- वर्ष 2026 तक डिजिटल भुगतान 3 गुना तक बढ़ जाएगा। लोग फिजिकल करेंसी रखने पर कई तरह की मर्यादा रखेंगे।
- वर्तमान में, सरकार ने 2000 के नोट को लीगल टेंडर के रूप में उपयोग के लिए वैध घोषित किया है। हालांकि, यह 30 सितंबर तक ही है। इसके बाद ये नोट पूरी तरह बंद हो जाएंगे।
भारतीय रिजर्व बैंक ने एक समय सीमा निर्धारित की है कि आप 30 सितंबर तक अपना नोट जमा कर सकते हैं। इससे आपका पैसा भी व्यर्थ नहीं होगा और आपको किसी तरह का नुकसान भी नहीं होगा। इसलिए इस सर्कुलर के आने के बाद किसी तरह की चिंता करने की जरूरत नहीं है।