#stanswamy:83 साल का आतंकवादी!
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मेरा (#stanswamy )इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है…जिसमें मुझे आरोपी बनाया जा रहा है। मेरे साथ जो हो रहा है, उसमें कुछ भी नया नहीं है, और यह मेरे साथ ही नहीं हो रहा है। ऐसा पूरे देश में हो रहा है। हम सभी जानते हैं कि किस तरह मशहूर बुद्धिजीवियों, वकीलों, लेखकों, कवियों , कार्यकर्ताओं, छात्र नेताओं को जेल में डाला जा रहा है, क्योंकि वे भारत में सत्ता पक्ष से असहमति रखते हैं, और उनसे सवाल पूछते रहे हैं। मैं इस प्रक्रिया का हिस्सा हूं, और मुझे खुशी है कि मैं मूकदर्शक नहीं हूं। मैं कोई भी कीमत चुकाने को तैयार हूं।
ये सफाई उस शख्स की है जिसे देश में आतंकवाद की जांच करने वाली सर्वोच्च एजेंसी NIA ने UAPA की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया है और जिसे मुंबई की विशेष एनआईए (NIA) अदालत ने 23 अक्टूबर तक के लिये बीते शुक्रवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
83 साल के स्टेन स्वामी दुनिया के सबसे वरिष्ठ आतंकवादी हैं…केरल का ये जेसुइट पादरी बीते पचास साल से झारखंड में सबसे गरीब आदिवासियों की आवाज रहा है। झारखंड में शहरीकरण और औद्योगिकरण के नाम पर बोकारो, कोडरमा और संथालपरगना के विस्थापित आदिवासी-मूलवासी के हित के लिए उठी सबसे ऊंची आवाज स्टेन की रही है।
1996 में UCIL- Uranium Corporation of India Ltd की जादूगोड़ा फैक्ट्री से रिसते यूरेनियम रेडिएशन से तबाह हो रहे स्थानीय आदिवासियों को बचाने के लिए बने JOAR- झारखंड ऑर्गेनाइजेशन अगेंस्ट यूरेनियम रेडियेशन के लिए उन्होंने काम किया।
झारखंड के मशहूर डायरेक्टर श्री प्रकाश की डाक्यूमेंटरी देख कर इस मुद्दे को आप समझ सकते हैं —Buddha Weeps in Jaduguda —https://www.youtube.com/watch?v=FxO_LlHaYvs)
जब झारखंड की बीजेपी सरकार ने पत्थलगड़ी आंदोलन के नाम पर हजारों आदिवासियों को झूठे मुकदमों में जेल भेजा तब स्टेन ने PPSC- Persecuted Prisoners Solidarity Committee के संयोजक के तौर पर इनके लिए कानूनी लड़ाइयां लड़ी।NIA ने भीमा कोरेगांव मामले में दस हजार पन्नों की सप्लीमेंटरी चार्जशीट में दावा किया है कि स्वामी CPI (Maoist) से जुड़े थे और कई देश विरोधी साजिशकर्ताओं के संपर्क में थे। ये साजिशकर्ता हैं-

Varavara Rao,– तेलुगु कवि, हैदराबाद-
Sudha Bharadwaj– IIT कानपुर से ग्रेजुएट, National Law University Delhi की विजिटिंग प्रोफेसर, PUCL छत्तीसगढ़ की महासचिव –
Gautam Navlakha –EPW के कंसल्टेंट एडिटर, People’s Union for Democratic Rights, Delh के सदस्य
Anand Teltumbde– दलित चिंतक, Goa Institute of Management के प्रोफेसर
Vernon Gonsalves– HR College of Commerce and Economics के प्रोफेसर–
आतंकवादियों की सूची में ऐसे नाम क्या आपने पहले कभी सुने हैं ?
31 दिसंबर, 2017 को पुणे के भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा में एक शख्स की मौत को लेकर गिरफ्तार होने वाले स्टेन 16वें शख्स हैं। रांची के करीब नामकुम में एक आतंकवादी की गिरफ्तारी से जनता को सकून होना चाहिए था, लेकिन इस खबर के सामने आते ही रांची में लोगों की नाराजगी सामने आई । झारखंड जनधिकार महासभा ने इस गिरफ्तारी के खिलाफ रांची में प्रदर्शन किया, जिसका स्थानीय लोगों ने बड़ी तादाद में समर्थन किया।

स्टेन देश के पहले आतंकवादी हैं जिनकी गिरफ्तारी पर राज्य के मुख्यमंत्री ने नाराजगी और दुख का इजहार किया है।
देश में मानवाधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था PUCL -People’s Union for Civil Liberties (PUCL) ने भी स्टेन की गिरफ्तारी पर आक्रोश जताया है।
https://twitter.com/PUCLindia/status/1314279024579932160
स्टेन एंटी टेरर कानून के बेजा इस्तेमाल के खिलाफ लगातार आवाज उठा रहे थे, वो गरीब आदिवासियों को उनके हक के लिए आवाज उठाना सिखा रहे थे, वो उन्हें आज की तकनीकी शिक्षा से लैस कर रहे थे। वो हिन्दुस्तान की उस आखिरी पीढ़ी के वारिस थे, जिसने बगैर किसी स्वार्थ के गुमनामी में रहकर देश के अलग-अलग हिस्सों में गरीबों की बेहतरी के लिए काम करते हुए जिंदगी गुजार दी….सत्ता और सरकार के लिए वो वाकई बड़ा खतरा थे।
गौतम नवलखा को ISI एजेंट करार देने के बाद इस समूह के हर मेंबर के लिए एक नया नैरेटिव बुनने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। स्टेन के लिए कौन सा फ्रेम सही रहेगा…अनुमान लगाइए… अरबन नक्सल… कन्वर्सन मिशनरी माफिया…PFI का एजेंट…दिल्ली दंगे की साजिश…हाथरस का फॉरेन फंड ….
हमें क्या फर्क पड़ता है ?