सिसकता काबुलीवाला … “मैं कहां जाऊं, क्या करूं। कभी ख्वाबों में भी नहीं सोचा था ये दिन देखने को मिलेगा। आज मैं अपने आपको असहाय महसूस कर रही हूं। मेरे अपने वहां छूट गए पता ...