BATA: 126 साल का सफर, शीर्ष पद पर भारतीय पहली बार!
शायद ही कोई ऐसा हिन्दुस्तानी होगा, जिसने टाटा और बाटा (BATA) का नाम नहीं सुना होगा। लेकिन बाटा के 126 साल के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि इसका नेतृत्व किसी भारतीय के हाथों सौंपा गया है। 49 साल के संदीप कटारिया, जो फिलहाल बाटा इंडिया के सीईओ हैं, को कंपनी ने अपना ग्लोबल सीईओ बनाया है। संदीप कटारिया ने ग्लोबल सीईओ के रूप में तत्काल प्रभाव से कार्यभार संभाल लिया है।
कौन हैं संदीप कटारिया?
कटारिया ने IIT-दिल्ली से बीटेक किया है और वह XLRI में 1993 के पीजीडीबीएम बैच के गोल्ड मेडलिस्ट रहे हैं। संदीप कटारिया को भारत और यूरोप में यूनिलीवर, वोडाफोन जैसी कई बड़ी कंपनियों में काम का 24 साल से ज्यादा का अनुभव है। संदीप ने 2017 में बतौर सीईओ बाटा (BATA) इंडिया ज्वाइन किया था। इनके नेतृत्व में, बाटा इंडिया ने डबल डिजिट ग्रोथ के साथ 2019-20 में 3,053 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल किया था। इस दौरान कंपनी को 327 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था।
कहां की कंपनी है बाटा (BATA)?
ज्यादातर भारतीयों को लगता है कि बाटा (BATA) उनके ही देश की कंपनी है। लेकिन बाटा शू कंपनी की शुरुआत 1894 में, मौजूदा चेक रिपब्लिक के ज़लीन (Xlin) शहर में हुई थी। थॉमस बाटा ने अपने भाई और बहन के साथ इस कंपनी की शुरुआत की थी। ये परिवार कई पीढ़ियों से जूते बनाने का काम करता था। लेकिन थॉमस ने औद्योगिक क्रांति से सबक सीखा और मशीनों की मदद से बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरु कर दिया। 1905 तक जूते उत्पादन के मामले में ये यूरोप की नंबर वन कंपनी बन गई। 1912 में इस कंपनी में 600 से ज्यादा कर्मचारी काम करते थे, और आसपास के गांवों के भी कई सौ लोग घरों से ही इसके लिए जरुरी सामान तैयार करते थे।
भारत में साल 1931 में बाटा (BATA) शू कंपनी की शुरुआत हुई और कोलकाता में बाटानगर फैक्टरी की स्थापना हुई। 1930 के अंत तक इसमें 7500 से ज्यादा भारतीयों को रोजगार मिला। 1973 में इसे बाटा इंडिया का नाम दिया गया। ये भारत की पहली शू कंपनी थी, जिसने क्वालिटी के मामले में ISO 9001 सर्टिफिकेट हासिल किया। फिलहाल अभी इस कंपनी का मुख्यालय स्विट्जरलैंड में है, लेकिन फुटवियर ब्रांड बाटा (BATA) के लिए भारत आज भी शीर्ष बाजार है।
2015 में भारत आये थॉमस के पोते और मौजूदा मालिक थॉमस जी बाटा ने (Thomas G. Bata) ने अपने पहले भारत दौरे का जिक्र करते हुए बताया – “मेरे मन में भारत की यादें उस समय की हैं, जब मैं 12 साल था। तब मैं अपने पिता के साथ आया था और तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु से मिला, जिन्होंने मेरे गाल खींचे थे। मेरे डेस्क पर अभी भी वो तस्वीर मौजूद है।”
दुनिया भर में शीर्ष पर हैं भारतीय
चलिए कंपनी भारतीय हो या ना हो, एक बात तो अच्छी है कि अब इस कंपनी की कमान भारतीय के हाथों में है। वैसे भी अभी दुनिया की तमाम दिग्गज कंपनियों की कमान भारतीयों के हाथों में है। जैसे – माइक्रोसॉफ्ट के सत्या नडेला, गूगल के सुंदर पिचाई, मास्टरकार्ड के अजय बंगा, आईबीएम के अरविंद कृष्ण, नोवार्टिस के वसंत नरसिम्हन आदि। इसी कड़ी में एक और नाम जुड़ गया है, संदीप कटारिया का, जो अब बाटा (BATA) कंपनी के ग्लोबल CEO बन गये हैं।